दिल्लीः पंजाब से किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। 12 फरवरी की रात चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई थी। कई किसान संघों, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं, ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए आज मार्च का आह्वान किया है. एमएसपी की गारंटी वाला कानून बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
मंगलवार को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसानों के ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए। हालांकि वहां पुलिस ने भारी भरकम बैरिकेडिंग की हुई है। साथ ही भारी सुरक्षाबल भी तैनात किया गया है। रास्ते में पुलिस ने कील बिछा दी हैं। हाईवे पर दीवारें बनाई हैं, इसके साथ ही बड़े-बड़े बोल्डर भी रख दिए हैं। ताकी किसान देश की राजधानी दिल्ली में न पहुंच पाए।
वहीं, इसका असर आम जनता पर भी पड़ रहा है। किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही शंभू, टिकरी और सिंघू बॉर्डर के अलावा गाजीपुर सीमा पर जाम लगना शुरू हो गया है। दिल्ली-मेरठ हाईवे पर एक किलोमीटर लंबा जाम लगा है। एनएच नौ पर बैरिकेडिंग की वजह से भीषण जाम लगा है। इस वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीजेआई की बड़ी टिप्पणी
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक की परेशानी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ी टिप्पणी की है। बता दें कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर कहा था कि किसानों के इस आंदोलन के खिलाफ उन्हें स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। इससे आम लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों को आने जाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आग्रह किया था कि अगर वकील ट्रैफिक की समस्या के चलते कोर्ट में नहीं पेश होते हैं तो किसी मामले में कोई फैसला ना सुना दिया जाए। इसपर सीजेआई ने कहा, अगर आने-जाने में वकीलों को परेशानी हो तो मुझे बताएं। हम देख लेंगे। बार एसोसिएशन ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया था।
स्कूलों में ऑनलाइन मोड में क्लास
नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी भी कर दी है। दिल्ली के बॉर्डर एरिया में रहने वाले कुछ बच्चे नोएडा, फरीदाबाद या गुरुग्राम के स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं। ऐसे में किसान आंदोलन की वजह से पेरेंट्स को उन्हें लाने और ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल ऑनलाइन मोड में क्लास लेंगे। वहीं दूसरी, ओर प्रदर्शन का असर एनसीआर के ट्रैफिक पर दिख रहा है।