मुंबई: सेंट्रल रेलवे (Central Railway) ने दो नए प्लेटफॉर्मों निर्माण की शुरुआत की है और इसके साथ ही लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) पर एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। निर्माण के दौरान होने वाले असुविधाओं के बावजूद, यह प्रोजेक्ट कम्यूटर्स के लिए एक सुविधा के रूप में होगी। दो नए प्लेटफॉर्मों के बढ़ने से उत्तर और दक्षिणी भारत के लिए और भी 10 से 14 ट्रेनों को बढ़ाया जाएगा, जिससे सीधे लाभ कम्यूटर्स को ही मिलेगा। नए प्लेटफॉर्मों का निर्माण अप्रत्याशित तकनीकी कठिनाइयों के बावजूद तेजी से हो रहा है।
हालांकि, इस परियोजना के लिए उठाए गए कठिनाईयाँ निर्माण की तारीख में देरी का कारण बनी हैं। इसके अलावा, यह प्रोजेट्स कम्यूटर्स को बेहतर और तेज सेवाएं प्रदान करने का भी एक प्रयास है, जिससे लोगों को सुधारित यात्रा का अनुभव होगा।
नए प्लेटफॉर्मों का निर्माण गर्मी की छुट्टियों के दौरान एलटीटी से उत्तरी और दक्षिणी भारत के लिए अतिरिक्त ट्रेनों को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उनकी यात्रा आसान होगी। इसके साथ ही, इस परियोजना से टर्मिनस का उपयोग करने वाले 70,000 दैनिक यात्रीगण को भी लाभ होगा।
Central Railway) ने आश्वासन
सीआर (Central Railway) ने आश्वासन दिया है कि लंबी दूरी की ट्रेनों की आवाजाही को प्रभावित नहीं होने देंगे बल्कि उन्हें पुनर्निर्धारित, शॉर्ट-टर्मिनेट और शॉर्ट-ऑरिजिनेट किया जाएगा। इससे यात्रीगणों को कोई असुविधा नहीं होगी और उन्हें सही समय पर सही स्थान पर पहुंचाया जाएगा।
इस बदलाव से स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा, जिन्हें नए प्लेटफॉर्मों का उपयोग करने का अधिकार होगा। इन प्लेटफॉर्मों के साथ ही, कम्यूटर्स को छत के ढाँचे को सहारा देने वाले धातु के खंभे, और फुट-ओवर ब्रिज की सुविधा मिलेगी। ये सुविधाएं यात्रा को और भी सुरक्षित और सहानुभूति बनाए रखने में मदद करेंगी।
इस प्रोजेक्ट से होने वाले 64.10 करोड़ रुपये के खर्च के बावजूद, नए प्लेटफॉर्म यात्रीगण को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में मदद करेंगे। इस परियोजना की पूर्णता और शीघ्र संपन्नता से उम्मीद की जा रही है जो रेलवे यातायात को सुधारकर यात्रीगणों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करेगा।