मुंबई: मध्य रेल्वे ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को बताया है कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 4 विशाल होर्डिंग हटा दिए गए हैं और 14 होर्डिंग का आकार छोटा कर दिया गया है। यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं।
आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल पर मध्य रेल्वे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बी. अरुण कुमार ने बताया कि जिन 4 होर्डिंग्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है, उनमें से दो सैंडहर्स्ट रोड (3200 फीट), चूनाभट्टी (3200 फीट) और तिलक नगर (1598 फीट) के हैं। इन होर्डिंग्स का स्वामित्व मेसर्स. रोशन स्पेस, मेसर्स. पायनियर और मेसर्स. अलख के पास था।
इसके अलावा, जिन 14 होर्डिंग्स का आकार छोटा किया गया है, उनमें वाडी बंदर, भायखला, चूनाभट्टी, सुमन नगर और तिलक नगर शामिल हैं। इन 14 होर्डिंग्स में से अधिकांश का स्वामित्व देवांगी आउटडोर, मेसर्स. रोशन स्पेस, मेसर्स. झेस्ट एंटरप्राइज, मेसर्स. वॉलॉप, मेसर्स. कोठारी और मेसर्स. न्यूक्लसीट्स जैसी कंपनियों के पास है।
पश्चिम रेल्वे ने नहीं दी स्पष्ट जानकारी
दूसरी ओर, जब अनिल गलगली ने पश्चिम रेल्वे से इसी मुद्दे पर जानकारी मांगी, तो पश्चिम रेल्वे के जन सूचना अधिकारी सौरभ कुमार ने कहा कि मांगी गई जानकारी स्पष्ट नहीं है, और इस कारण कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई।
अनिल गलगली ने मध्य रेल्वे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि इससे भविष्य में घाटकोपर जैसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।