मीरा भायंदर: भाजपा के 145 मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रभारी एडवोकेट रवि व्यास के नेतृत्व में गुरुवार को नवरात्रि के पहले दिन चुनावी अभियान का बिगुल बजा दिया गया। इस अवसर पर मीरा रोड के बालाजी होटल के पास चुनावी जनसंपर्क कार्यालय का उद्घाटन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रवि व्यास ने कहा, “इस बार हमें फिर से मीरा भायंदर में भाजपा का कमल खिलाना है। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के लिए दिन-रात मेहनत करनी होगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले चुनाव में जिन कारणों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, उनसे सबक लेते हुए इस बार एकजुटता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। व्यास ने कहा, “अगर हम सभी समर्पण के साथ काम करें, तो इस बार पार्टी रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करेगी।”
वर्तमान में मीरा भायंदर की निर्दलीय विधायक गीता जैन महायुति सरकार को समर्थन देती हैं, लेकिन उनका झुकाव शिवसेना शिंदे गुट की ओर अधिक दिखाई देता है। भाजपा के बड़े नेताओं के साथ उनके निजी मुलाकात के अवसर कम रहे हैं और वह पार्टी के आयोजनों में भी बहुत सक्रिय नहीं रही हैं। इसके अलावा, उनके वादों को पूरा न करने के आरोपों के चलते उनके खिलाफ एक एंटी-इनकंबेंसी माहौल बनता दिख रहा है।
पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता भी चुनाव के करीब आते ही संघठन में अपनी पकड़ मजबूत करने और नगरसेवकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। हालांकि, उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के मामलों ने उनकी छवि को पार्टी और जनता दोनों के बीच धूमिल किया है। हाल ही में पूर्व विधायक मेहता और वर्तमान विधायिका गीता जैन के बीच हुई जुबानी जंग भी चर्चा का विषय बनी हुई है, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के अंदर चर्चा है कि इस बार जीत हासिल करने के लिए नए चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में एडवोकेट रवि व्यास सुशिक्षित और ईमानदार विकल्प के रूप में उभर सकते हैं। जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने तमाम चुनौतियों के बावजूद संगठन को मजबूत किया और पद से हटने के बाद भी जिम्मेदारियों को निष्ठा से निभाया है। उनके नेतृत्व में पार्टी को एकजुट करने की क्षमता देखी जा रही है। हालांकि आमंत्रण पत्रिका में जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा नाम होने के बावजूद वो कार्यक्रम से नदारद दिखे।
कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं का जोश और नारेबाजी भी बदलाव की ओर संकेत दे रही थी। मीरा भायंदर विधानसभा का इतिहास भी रहा है कि यह हर बार बदलाव और नए चेहरे को मौका देती है। अब भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाती है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।