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मोबाइल टॉवर से रेडियो फ्रिक्वेंसी के AZNA कार्ड चोरी करने वाली अंतरराष्ट्रीय गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ी

मीरा रोड: मीरा-भाईंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा यूनिट -3 को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पिछले कुछ महीनों से मोबाइल टॉवर से 5G नेटवर्क के लिए लगाए जाने वाले रेडियो फ्रिक्वेंसी उपकरण (AZNA कार्ड / RR यूनिट) की चोरी की घटनाएं बढ़ रही थीं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अपराध शाखा यूनिट -3 को इन मामलों की जांच सौंपी गई थी।

गौरतलब है कि 22 अगस्त 2024 को नालासोपारा पूर्व के फेन एवेन्यू अपार्टमेंट के सामने लगे एयरटेल टॉवर से एक AZNA कार्ड चोरी हो गया था। इसकी रिपोर्ट 14 सितंबर 2024 को आचोले पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। मामला भारतीय दंड संहिता और टेलीकम्युनिकेशन अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।

सात आरोपी पुलिस के हत्थे

क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की टीम ने तांत्रिक विश्लेषण और गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी शैलेश यादव, शुभम यादव, कपूरचंद्र गुप्ता और बंसीलाल जैन को मुंबई से, जबकि जाकिर मलिक और जैद मलिक को दिल्ली के मुस्तफाबाद से, और मोहम्मद जुनैद को गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया। आरोपियों से कुल 36 AZNA कार्ड / RR यूनिट, मोबाइल फोन, और चोरी में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल बरामद की गई। बरामद सामग्री की कुल कीमत लगभग 40 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस का दावा है कि उसने एक इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफ़श किया है।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी चोरी किए गए उपकरणों को हांगकांग और चीन भेजते थे। इन उपकरणों के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में बदलाव कर उन्हें काले बाजार में ऊंची कीमत पर बेचा जाता था। जांच से यह भी पता चला है कि आरोपियों ने बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब, गोवा जैसे अन्य राज्यों से भी उपकरण चोरी किए थे। पुलिस ने 20 मामले सुलझाने का दावा भी किया है।

इस बारे में मीरा-भाईंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय के पुलिस आयुक्त आईपीएस मधुकर पांडे ने कहा, “यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। इस तरह की संगठित चोरी की घटनाओं से न केवल हमारे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि महत्वपूर्ण नेटवर्क बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंच सकता है। इस मामले में हमारी टीम ने तेजी और कुशलता से कार्रवाई की है, जिससे भविष्य में इस तरह की चोरी पर अंकुश लग सके।”

और लोगों के शामिल होने की संभावना

आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि पिछले एक साल से मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और वसई-विरार-नालासोपारा क्षेत्र में भी इसी प्रकार की चोरी की वारदातें हुई थीं। फिलहाल आरोपियों को पुलिस हिरासत में रखा गया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि इस प्रकार के और भी मामले देश के अन्य राज्यों में सामने आ सकते हैं, और भी लोगों के शामिल होने की संभावना है।

इस कार्रवाई मे मधुकर पांडे, पुलिस आयुक्त, दत्तात्रय शिंदे, अपर पुलिस आयुक्त, अविनाश अंबुरे, पुलिस उप आयुक्त (गुन्हे), और मदन बल्लाळ, सहायक पुलिस आयुक्त के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक प्रमोद बडाख और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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