वसई-भाईंदर के बीच सफल रो-रो सेवा के बाद अब वसई और पालघर के निवासियों के लिए एक और खुशखबरी आई है। विरार के नारंगी से सफाले के खरवाडेश्री के बीच दिवाली तक नई रो-रो सेवा शुरू होने वाली है। इस सेवा के शुरू होने से वसई-विरार से पालघर तक की दूरी न केवल आसान होगी, बल्कि यात्रा में समय और ईंधन की भी बचत होगी।
समुद्री मार्ग से सुलभ यात्रा
पालघर जिला समुद्र तट से सटा हुआ है और वहां यातायात की बढ़ती समस्याओं के कारण वसई-पालघर की सड़क यात्रा में अधिक समय और ईंधन की बर्बादी होती है। फरवरी 2024 में शुरू हुई वसई-भाईंदर रो-रो सेवा को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद अब पालघर-वसई के बीच रो-रो सेवा शुरू करने का काम तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस परियोजना का बजट 12 करोड़ 92 लाख रुपये है और इसके तहत विरार के नारंगी और पालघर के सफाले में खरवाडेश्री के बीच रो-रो सेवा की योजना बनाई गई है। इस परियोजना के लिए आवश्यक सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है और अब यह लगभग पूरी हो चुकी है।
जेट्टी का निर्माण पूरा, जल्द सेवा शुरू
विरार के नारंगी में जेट्टी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और पोचराष्टा का काम अंतिम चरण में है। जेट्टी और फुटपाथ के निर्माण में आ रही रुकावटों को भी सफलतापूर्वक हल कर लिया गया है। महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के अधिकारियों ने जानकारी दी कि फिलहाल एक अस्थायी रैंप स्थापित करने की तैयारी की जा रही है और अगले डेढ़ महीने में यह रो-रो सेवा शुरू कर दी जाएगी।
सड़क मार्ग के मुकाबले जल मार्ग से यात्रा होगी आसान
सफाले के खरवाडेश्री से नारंगी तक की सड़क यात्रा की दूरी 60 किलोमीटर है, जिसे तय करने में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगता है। लेकिन रो-रो सेवा शुरू होने के बाद यह सफर महज 10 मिनट में पूरा हो जाएगा। इस सेवा से वसई और पालघर के लोगों का काफी समय और पैसे की बचत होगी।
नवनीत निजाई, जो इस परियोजना से जुड़े एक स्थानीय नेता हैं, ने कहा, “पालघर जिले का मुख्यालय विरार से सड़क मार्ग से 70 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि जलमार्ग से यह दूरी केवल 30 किलोमीटर रह जाएगी। इससे लोगों का काफी समय बचेगा। इसके अलावा, जलमार्ग के छोर पर वाहनों की पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।”
इस नई रो-रो सेवा से वसई-विरार और पालघर के नागरिकों की यात्रा सुगम और समय-साध्य होने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र के विकास में भी गति आएगी।